ओशो आधी रात शमशान क्यों जाते थे?
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा बताया जाता है कि जब ओशो 12 साल के थे तब शमशान ये जानने के लिए कि मौत के बाद लोग कहां जाते हैं. इनके माता-पिता काफी चिंतित रहने लगे थे. जब उन्होंने ओशो का भविष्य एक ज्योतिष से पूछा तो उन्होंने कहा कि 14 साल की उम्र शुरू होने के बाद 7 दिनों के बीच इनकी मौत हो सकती है. ओशो ने 7 दिन एक मंदिर में बैठकर अपनी मौत का इंतजार किया. ये बात उनके मन में हमेशा के लिए बैठ गई थी कि जब वे मरेंगे तो वे जानना चाहेंगे कि मरने के बाद क्या वही सब होता है जो हमने किताबों में पढ़ी है? जब वे नहीं मरे तो वे हर रात शमशान जाकर वहां भटकती आत्माओं से पूछना चाहते थे कि वे मरकर कहां गए या यहीं तो भटक क्यों रहे. खबरों के मुताबिक उन्होंने ऐसा कई सालों तक किया था.
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