Deepak Bara Naam Ka (Hindi):
दीपक बारा नाम का! इसे यूं पढ़ना: शून्य का दिया जलाया। शब्दातीत, शास्त्रातीत, अनिवर्चनीय, समाधि का दीया जलाया। न वहां कुछ कहने को है, न कुछ समझने को है, न कुछ सुनने को है; वहां गहन मौन है, समग्र मौन है। जरा भी चहल-पहल नहीं। जरा भी शोरगुल नहीं। झेन फकीर उस अवस्था को कहते हैं एक हाथ से बजाई गई ताली। दो हाथ से बजाओगे तो आवाज होगी। एक हाथ से ताली बजती है, मगर आवाज नहीं होती।
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