Satya Ki Khoj - Osho Hindi Book - Buy Online

Satya Ki Khoj  - Hindi Book 
Satya Ki Khoj osho Hindi Book

RS : 275

Description  :

"सत्य है तो स्वयं के भीतर है।
इसलिए किसी और से मांगने से नहीं मिल जाएगा। सत्य की कोई भीख नहीं मिल सकती। सत्य उधार भी नहीं मिल सकता। सत्य कहीं से सीखा भी नहीं जा सकता, क्योंकि जो भी हम सीखते हैं, वह बाहर से सीखते हैं। जो भी हम मांगते हैं, वह बाहर से मांगते हैं। सत्य पढ़ कर भी नहीं जाना जा सकता, क्योंकि जो भी हम पढ़ेंगे, वह बाहर से पढ़ेंगे।
सत्य है हमारे भीतर--न उसे पढ़ना है, न मांगना है, न किसी से सीखना है--उसे खोदना है। उस जमीन को खोदना है; जहां हम खड़े हैं। तो वे खजाने उपलब्ध हो जाएंगे, जो सत्य के खजाने हैं।"—ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:
वास्तविक स्वतंत्रता क्या है?
क्या जीवन एक सपना है?
शून्य है द्वार पूर्ण का
संयम का अर्थ क्या है?

उद्धरण : सत्य की खोज - पांचवां प्रवचन - शून्य से सत्य की ओर

"अंधेरे का अपना कोई भी अस्तित्व नहीं है। अस्तित्व है प्रकाश का। और जब प्रकाश का अस्तित्व नहीं होता; तो जो शेष रह जाता है, वह अंधेरा है। अंधेरे को दूर नहीं किया जा सकता है। अंधेरे के साथ सीधा कुछ भी नहीं किया जा सकता। अगर अंधेरा लाना है; तो प्रकाश के साथ कुछ करना पड़ेगा।

ठीक ऐसे ही जीवन में जो भी बुरा है, उसे मैं अंधेरा मानता हूं। चाहे वह क्रोध हो, चाहे काम हो, चाहे लोभ हो। जीवन में जो भी बुरा है, वह सब अंधकारपूर्ण है। उस अंधेरे से जो सीधा लड़ता है, उसको संयमी कहते हैं। मैं उसको संयमी नहीं कहता। मैं उसे पागल होने की तरकीब कहता हूं या पाखंडी होने की तरकीब कहता हूं।

और पाखंडी हो जाइए, चाहे पागल--दोनों बुरी हालतें हैं।

अंधेरे से लड़ना नहीं है, प्रकाश को जलाना है। प्रकाश के जलते ही अंधेरा नहीं है।

जीवन में जो श्रेष्ठ है, वही सत्य है।

उसका अभाव विपरीत नहीं है, उलटा नहीं है। उसका अभाव सिर्फ अभाव है।

इसलिए अगर कोई हिंसक आदमी अहिंसा साध ले, तो साध सकता है; लेकिन भीतर हिंसा जारी रहेगी। कोई भी आदमी ब्रह्मचर्य साध ले, साध सकता है; लेकिन भीतर वासना जारी रहेगी। यह संयम धोखे के आड़ होगा, यह संयम एक डिसेप्शन होगा। इस संयम के मैं विरोध में हूं।

मैं उस संयम के पक्ष में हूं, जिसमें हम बुराई को दबाते नहीं, सत्य को, शुभ को जगाते हैं। जिसमें हम अंधेरे को हटाते नहीं, ज्योति को जलाते हैं। वैसा ज्ञान, वैसा जागरण व्यक्तित्व को रूपांतरित करता है और वहां पहुंचा देता है जहां सत्य के मंदिर हैं।

जो शुभ में जाग जाता है, वह सत्य के मंदिर में पहुंच जाता है।"—ओशो

Product Details :

  • Publication date: 3 May 2018
  • Publisher: OSHO Media International
  • Language: Hindi
  • ASIN: B07CVLVMMH

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