Ashtravakra - Osho

अष्ट्रावक्र - ओशो

अष्टावक्र एक संदेशवाहक हैं। चैतन्य के, साक्षीभाव के संदेशवाहक। शुद्ध साक्षीभाव, देखना मात्र। यदि अप्रसन्नता है तो उसे मात्र देखें। यदि प्रसन्नता है तो उसे मात्र देखें। अप्रसन्नता में अप्रसन्नता के साथ तादात्मय ना बनाएं। प्रसन्नता में प्रसन्नता के साथ कोई तादात्म्य ना बनाएं। दोनों को आने-जाने दें। रात आए तो दृष्टा मात्र हो जाएं, दिन आए तो दृष्टा मात्र हो जाएं। रात में, ये ना सोचें की आप रात हो गए। दिन में, ये ना सोचें कि आप दिन हो गए।

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