मानवता -ओशो
अदृश्य बातों को प्रेम करना हमेशा आसान होता है। मानवता को प्रेम करना आसान है । मानव को प्रेम करने से, क्योंकि मानवता को प्रेम करते हुए तुम किसी तरह की जोखिम नहीं उठा रहे हो। एक अकेला मानव अधिक खतरनाक है सारी मानवता से। मानवता शब्द है, कपोल कल्पना; इसमें कोई मिलती-जुलती वास्तविकता नहीं है। मानव वास्तविकता है, और जब तुम्हारा आमना-सामना वास्तविकता से होता है वहां अच्छा समय भी होगा, बुरा समय भी होगा -- दर्द, सुख, सफलता और असफलता, ऊंचा और नीचा, विषाद और आनंद। मानवता को प्रेम करने में कोई विषाद नहीं होगा और न ही आनंद होगा। सच तो यह है कि मानवता को प्रेम करने में मानव को टाला जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम मानव को प्रेम नहीं कर सकते इसलिए तुम मानवता को प्रेम करने लगते हो, बस स्वयं को धोखा देने के लिए।
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