Krishna (Hindi)
कृष्ण की चर्चा मेरे लिए इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि आप उनका अनुकरण करने जाएँ, इसलिए महत्वपूर्ण है कि ऐसा व्यक्ति, इतना ‘मल्टीडायमेंशनल’ व्यक्ति पृथ्वी पर नहीं हुआ। इस बहुआयामी व्यक्तित्व के अगर सारे ख़ज़ाने आपके सामने खुल जाएँ तो आपको अपने ख़ज़ाने खोलने का ख़याल आ सकता है। बस इससे ज्यादा नहीं। आपके ख़ज़ाने आपके होंगे, और कोई नहीं कह सकता कि आपके ख़ज़ाने कृष्ण से ज़्यादा गहरे और ज़्यादा समृद्ध नहीं होंगे। वह कोई सवाल नहीं है।
लेकिन जो कृष्ण के भीतर घटित हुआ, वह किसी और के भीतर भी घटित हो सकता है, इसका स्मरण ही काफ़ी है। उस स्मरण के लिए ही सारी चर्चा है।
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