Nari Aur Kranti (Hindi):
"नारी-मुक्ति के आंदोलन ने सतही रूप में नारी को उसकी परतंत्रता से मुक्त करने का दावा तो भरा लेकिन यह एक रिएक्शन बन कर रह गया। परिणाम—पुरुष से घृणा। छह प्रवचनों की यह छोटी सी संग्रह। नारी के वास्तविक अस्तित्व का आईना है—किसी रिश्ते के रूप में नहीं, बस नारी के रूप में। तब वह कोई भी रूप हो—मां, बहन, प्रेमिका या बेटी—वह अपना प्रेम, अपनी ऊर्जा को सभी में सम्प्रेषित करने की क्षमता रखती है। सदियों के इतिहास में कोई भी ऐसा प्रबुद्ध पुरुष न हुआ जो नारी का वास्तविक कल्याणमित्र हो। ओशो ने नारी को उसकी जंजीरों से, उसकी बैसाखियों से इस प्रकार मुक्त किया है कि वह अपने पैरों पर चलने का अर्थ यह नहीं निकालती कि अब उसे पुरुष की आवश्यकता नहीं बल्कि पुरुष के साथ-साथ चलने की उसकी गति भी छंदबद्ध हो जाती है। उन दोनों के संबंध संगीतपूर्ण हो जाते हैं।"
- Nari Aur Kranti 01
- Nari Aur Kranti 02
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- Nari Aur Kranti 04
- Nari Aur Kranti 05
- Nari Aur Kranti 06
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