Naye Samaj Ki Khoj (Hindi):
‘भारत ने अब तक जितने भी विचारक पैदा किये हैं, वे उनमें सबसे मौलिक, सबसे उर्वर, सबसे स्पष्ट और सर्वाधिक सृजनशील विचारक थे। उनके जैसा कोई व्यक्ति हम सदियों तक न देख पाएंगे। ओशो के जाने से भारत ने अपने महानतम सपूतों में से एक खो दिया है। विश्वभर में जो भी खुले दिमाग वाले लोग हैं, वे भारत की इस हानि के भागीदार होंगे।’’
अपने व्यक्तिगत रूपांतरण तथा सामाजिक परिवेश के बदलाहट में उत्सुक हर संवेदनशील व्यक्ति के लिए यह पुस्तक एक अप्रतिम उपहार है। इस पुस्तक में संकलित अठारह क्रांतिकारी प्रवचनों में ओशो ने अपनी अभिनव दृष्टि दी है कि किस प्रकार इस पृथ्वी पर एक नए मनुष्य, एक नए परिवार एवं एक नए समाज का जन्म हो सकता है। इसमें वे सभी विषय हैं जो हमारे जीवन के सभी आयामों को छूते हैं; वे सभी प्रश्न हैं, जो सदियों से हमारे प्राणों को छलनी कर रहे हैं। ओशो ने इन प्रश्नों के कोई दार्शनिक उत्तर नहीं दिए हैं। उनके समाधान बहुत व्यावहारिक हैं। नए मनुष्य की, नए समाज की एक मेनिफेस्टो है।- Naye Samaj Ki Khoj 01
- Naye Samaj Ki Khoj 02
- Naye Samaj Ki Khoj 03
- Naye Samaj Ki Khoj 04
- Naye Samaj Ki Khoj 05
- Naye Samaj Ki Khoj 06
- Naye Samaj Ki Khoj 07
- Naye Samaj Ki Khoj 08
- Naye Samaj Ki Khoj 09
- Naye Samaj Ki Khoj 10
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