Sapana Yeh Sansar (Hindi):
मैं जिसको जीवन कहता हूं, वह तुम्हारे मन का जीवन नहीं है। धन-पद पाने का; प्रतिष्ठा, यश, सम्मान, सत्कार पाने का; वह जो तुम्हारा मन का जाल है, वह तो पलटू ठीक कहते हैं उसके संबंध में: ‘सपना यह संसार।’ वह संसार तो सपना है। क्योंकि तुम्हारे मन सपने के अतिरिक्त और क्या कर सकते हैं! लेकिन तुम्हारे सपने जब शून्य हो जाएंगे और मन में जब कोई विचार न होगा और जब मन में कोई पाने की आकांक्षा न होगी, तब एक नया संसार तुम्हारी आंखों के सामने प्रकट होगा--अपनी परम उज्ज्वलता में, अपने परम सौंदर्य में--वह परमात्मा का ही प्रकट रूप है। उसको पिलाने के लिए ही मैंने तुम्हें बुलाया है। उसे तुम पीओ! उसे तुम जीओ! मैं तुम्हें त्याग नहीं सिखाता, परम भोग सिखाता हूं। ओशो
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